Tuesday, May 10, 2016

आगस्ता पर असमंजस कब तक

बोफोर्स के बाद सबसे बड़े कथित रक्षा घोटाले अगस्ता हेलिकॉप्टर खरीदी में करप्शन को लेकर राज्यसभा में हुई चर्चा के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर अगले सत्र में रिपोर्ट पेश किए जाने की चुनौती देकर मोदी सरकार को असमंजस में डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हाल ही में मनोनीत सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा उछाले गए भ्रष्टाचार से जुड़े इस हाईप्रोफाइल मामले में बीजेपी ने भी सदन के बाहर और अंदर आक्रामक रुख अपनाया लेकिन कोई बड़ा सबूत प्रमाणिकता के साथ सामने नहीं ला पाई जिससे कांग्रेस बैकफुट पर जाने को मजबूर हो।  करीब 5 घंटे चली कार्रवाई के दौरान सदन में बचाव, सवाल-जवाब, आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा ।

राज्यसभा में इस चली बहस में चर्चा की शुरुआत बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने की। यादव ने कहा, यूपीए सरकार ने घूस लेने वालों की जांच क्यों नहीं कराई?
इसके बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा में मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि NDA ने पहली बार 1998 में 6 पुराने हेलिकॉप्टर की जगह 8 नए चॉपर की डील की बात की। उस समय हेलिकॉप्टर की हाइट 6000 मीटर तक ले जाने की बात कही गई थी। यूपीए-1 के टेन्योर में हेलिकॉप्टर की लिमिट को 4500 मीटर कर दिया। ये कहना गलत है कि एनडीए सरकार ने हेलिकॉप्टर की हाइट के स्पेसिफिकेशन को चेंज कर दिया। तब डिफेंस मिनिस्टर ने इसे चेंज करने की बात को माना। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर लेने का मकसद ज्यादा हाइट वाले इलाकों जैसे सियाचिन में उड़ान भरना था। 6000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने में कैपेबल हेलिकॉप्टर मंगाने का मकसद उसे शोल्डर रॉकेट की रेंज से भी बाहर रखना था। उन्होंने फील्ड में AW101 एयरक्राफ्ट का यूज नहीं किया। उन हेलिकॉप्टर का यूज किया, जिनमें खराबी थी। ओरिजिनल प्रपोजल 8 हेलिकॉप्टर को खरीदने की बात कही गई थी। अगस्ता ही एक ऐसी कंपनी थी जो पैरामीटर पर क्वालिफाई कर सकी। लेकिन उन्होंने 4 और खरीदे। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 1988 में 8 हेलिकॉप्टर खरीदे गए थे, जिनका यूज कम हुआ था। इसके बाद 4 अन्य को खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी? ट्रायल भी विदेश में किया गया।
इसके बाद चर्चा के दौरान यूपीए सरकार में डिफेंस मिनिस्टर रहे एंटनी ने कहा कि डिफेंस प्रॉक्योरमेंट में हमने कभी भी करप्शन को टॉलरेट नहीं किया। यूपीए सरकार ने ही 6 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया था। आज आप हम पर सवाल उठा रहे हैं। आप सोनियाजी, मनमोहनजी पर सवाल उठा रहे हैं? नवंबर 2003 में ही तय हो गया था कि हेलिकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर तक रखी जा सकती है। इस मीटिंग में तब के पीएम के सेक्रेटरी मौजूद थे। केबिन हाईट 1.8 मीटर्स तय की गई थी। हमने कार्रवाई की। डील कैंसल की। जांच कराई। मौजूदा सरकार हमें ब्लैकमेल ना करे। स्वामीजी। हमें धमकाएं नहीं। आपके साथ सबूत हैं तो जांच कराएं, हम पर मुकदमे चलाएं। पर धमकाएं नहीं।

मामले में सफाई देते हुए कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि हमने सीबीआई जांच करवाई है। सरकार सेंस से सोचे, सेंसेशनलिज्म को छोड़े।
इतालवी कोर्ट ने साफतौर पर कहा, सोनिया गांधी के खिलाफ सबूत नहीं हैं। जजमेंट को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उनका नाम केवल उसी पर्सनैलिटी के तौर पर था जो उस वीवीआईपी हेलिकॉप्टर में सफर करतीं। हमें अपनी कोर्ट पर भरोसा क्यों नहीं है।
सिंघवी ने इतालवी कोर्ट के फैसले में कूट शब्दों के जिक्र पर कहा, 'AP' का अर्थ गुजरात की मुख्यमंत्री के नाम से भी हो सकता है।
आप किसी नाम से नफरत करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि उन नामों को आप इस कूट नाम से जोड़ें। सिंघवी ने शेर से अपनी बात को खत्म किया, शाखों से टूट जाएं, वो पत्ते नहीं हैं हम। आंधियों से कह दो, औकात में रहें।

राज्यसभा में पांच घंटे से ज्यादा चली चर्चा का जवाब देते हुए डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने कहा, आज अभिषेक मनु सिंघवी चले गए। उनका बड़ा नुकसान हो गया। इतनी अच्छी तरह उन्होंने मामला पेश किया कि एक बार तो मैं भी सोचने लगा। वे अच्छे वकील हैँ। लेकिन एक बात महसूस हुई कि अगर केस कमजोर तो अच्छा वकील भी उस मुकदमे को जीत नहीं सकता। एक कहानी सुनाना चाहता हूं। एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल को बुलाया। कहा- सोने का चम्मच चोरी हो गया है। बीरबल ने सारे नौकरों को बुलाया और कहा कि ये बांस पकड़ो। ये जादुई बांस है। जिसने चोरी की होगी, उसका बांस रातभर में चार इंच बढ़ जाएगा। जिसने चोरी की थी, वह बेचैन था। उसने अपना बांस चार इंच काट दिया। अगले ही दिन वह पकड़ा गया। लगता है कि आपने (कांग्रेस ने भी) अपने सारे बांस काट दिए हैं।
पर्रिकर ने कहा कि एंटनी ने खुद कहा था कि करप्शन हुआ है। एक ही वेंडर के फेवर में हालात बना दिए गए थे। इटली की कोर्ट ने डील में कई स्टेज पर नियमों के खिलाफ काम होने की बात कही है। एनडीए की सरकार ने हेलिकॉप्टर के स्पेसिफिकेशन नहीं बदले थे।  देश जानना चाहता है कि करप्शन किसने किया था? देश जानना चाहता है कि अगस्ता वेस्टलैंड डील से किसे फायदा हुआ? हम इसका पता लगाएंगे। हम इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकते। सरकार इसका पता लगाएगी। इटली की कोर्ट के फैसले में जितने भी लोगों के नाम हैं, उनके खिलाफ जांच होगी।
वस्तुतः भ्रष्टाचार के इस मुद्दे पर देश के दो बड़े नेता जिनकी छवि भारतीय राजनीति में ईमानदार नेता के रूप में बनी हुई है और प्रतिद्वंदी दल भी उनकी ईमानदारी के कायल हैं वो दो नेता मनोहर पारिकर और एके एंटोनी, एक वर्तमान रक्षा मंत्री और दूसरे पूर्व रक्षा मंत्री सदन में आमने सामने नजर आए तो इन दोनों की आड़ में कांग्रेस बीजेपी ने अपनी सरकारों के दौरान लिए फैसलों को सामने रखकर खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश की। सवाल  आखिर साख पर  जो खड़े हुए उनका क्या होगा चाहे वो स्वामी के आरोप हो या सफाई देने को मजबूर हुई सोनिया या फिर आरोप और सफाई के बीच मोदी सरकार की प्रमाणिकता के बीच संसद और देश जिस पर विश्व की नजर टिक गई है।
जांच होने के बाद ही पता चलेगा कि बात दूर तलक जाएगी या फिर खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ होगी।

सत्यम सिंह बघेल

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