मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सफलतम 10 वर्ष पूरे होने पर 29 नवम्बर को पूरे मध्यप्रदेश में उत्सव का माहौल रहा जगह-जगह उनके कार्यकाल के 10 वर्ष पूरे होने की खुशियाँ मनाई गई | 5 मार्च 1959 एक कृषक परिवार में जन्म लेने वाले शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्त की | त्याग, मेहनत, परिश्रम और उन्नति के मार्ग पर सदैव अग्रसर रहने वाले शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली | जिस समय शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था किसी भी व्यक्ति को यह विश्वास नही हुआ कि यह साधारण सा सरल, सौम्य एवं हसमुख, लम्बा कद वाला, दुबला-पतला व्यक्ति प्रदेश की जटिल समस्याओं को सुलझा पायेगा, किसी ने भी यह नही सोचा कि यह व्यक्ति प्रदेश हवा को पहचान पायेगा और प्रदेश को बीमारू राज्य के कलंक से मुक्ति दिलाएगा | किसी ने नही सोचा कि गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा से जूझ रहे प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनायेगा | लेकिन किसी को क्या मालूम कि 29 नवम्बर 2005 को जिस दिन एक युवा जोशीले नये मुख्यमंत्री ने शपथ ली उसी के साथ स्वर्णिम मध्यप्रदेश की गाथा लिख दी गई, उसी के साथ एक नए मध्यप्रदेश का उदय हुआ | जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पदभार संभाला और अपना काम-काज करना शुरू किया, तब समझ में आया यह तुबला-पतला व्यक्ति जो बाहर से जितना शांत दिखता है, अपने काम के प्रति उसके भीतर उतना ही तूफ़ान भरा है | सामाजिक जीवन में एक आम व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कार्य और व्यवहार से बनता है। भारतीय राजनीति के शिखर पर उभरते राजनेता शिवराज सिंह चौहान का जीवन व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों को समझने के लिए उपयुक्त उदाहरण है। राजनीति में शुचिता के पक्षधर और विरोधियों के प्रति सहिष्णुता तथा सहृदयता के नवीन मानदंड स्थापित करने वाले प्रभावी राजनेता शिवराज सिंह चौहान का व्यक्तित्व बहुमुखी है । मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास में लगातार तीसरी बार एक दल की सरकार बनाने वाले कुशल संघठक तथा कछुआ चाल से चलने वाली नौकरशाही को दौड़ाने वाले दक्ष प्रशासक भी है। जनता का सच्चा सेवक, जन पूजा का अद्वितीय पुजारी, जननायक मध्यप्रदेश का पुजारी, सरल, साधारण, मृदुल, सौम्य, सदैव प्रसन्नचित मुख, पग में तूफानों सी गति, ह्रदय में संघर्ष की ज्वाला लिए चलने वाला व्यक्तित्व, आंखो में वैभव के सपने, बाजुओं में सकारात्मकता का शक्ति पुंज है जिसके शरीर में आशा की ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो स्वप्न द्रष्टा है दूर द्रष्टा है, ईमानदारी के भाव गंगा से पावन जिसके मन मंदिर मे बस्ते हैं सेवा भाव से ओतप्रोत है, जिसने मप्र को बीमारू राज्य से अग्रणी राज्य बनाया बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, कृषि हर क्षेत्र में प्रदेश को अभूतपूर्व तरक्की दिलाई | समग्र रूप में देखें तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने धीमी गति से चलने वाले तंत्र को सक्रिय बनाया और सामाजिक विषयों के प्रति उदासीन जनमानस में नया जोश और उत्साह संचारित करने के प्रयास से उन्होंने आओ बनाएं स्वर्णिम मध्यप्रदेश अभियान की संकल्पना को अपनी जिद, जुनून और जज्बे से साकार कर दिखाया । सेवा और समर्पण भाव से सुशासन की नीव रखने वाले शिवराज ने अपने संघर्ष, जज्बा एवं जूनन से मध्यप्रदेश को संघर्ष के तल से सफलता के शिखर तक पहुँचाया है |
स्वलिखित (कॉपी राइट)
लेखक- सत्यम सिंह बघेल
सिवनी, मप्र
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