पिछले बीस वर्षों से पंजाब में कोई भी आतंकी हमला नही हुआ था | लेकिन अभी-अभी हाल ही में पंजाब में लगातार दो आतंकी हमले हो चुके हैं, पहला हमला पांच माह पहले जुलाई में पंजाब के गुरुदासपुर में और दूसरा अभी बीते दिनों पंजाब के ही पठानकोट में हुआ | इस हमले में ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने 6 आतंकियों को ढेर कर दिया लेकिन वहीं हमारी सेना के सात वीर जवान शहीद हो गये, इसके अलावा इस हमले में 25 से अधिक लोग घायल हुये। बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी दीवार फांदकर एयरफोर्स स्टेशन के अंदर दाखिल हुए थे | पठानकोट में हुए हमले का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। खुफिया विभाग के द्वारा जो चार फोन कॉल ट्रेस की गई हैं, उसमें पता चला है कि उन आतंकियों को पाकिस्तान से चार बार फोन किया गया। जिससे साफ जाहिर होता है कि इस हमले का संबंध पाकिस्तान से ही है। आतंकियों का संबंध आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से है |
पठानकोट आतंकी हमला बहुत बड़ा हो सकता था लेकिन हमारे देश के वीर जवानों ने अब तक का सबसे तेज कदम उठाते हुए, पहले से ही एनएसजी कमांडो को पठानकोट रवाना कर दिया था। एनएसजी कमांडो आतंकी हमले से पहले ही पठानकोट एयरबेस पर मोर्चा संभाले हुए थे और जैसे ही आतंकी हमला हुआ एनएसजी कमांडोज से पंजाब पुलिस और आर्मी के साथ मिलकर सभी आतंकियों को मार गिराया। एक आतंकी ने कार्यवाही से डरकर खुद को बम से उड़ा लिया। इन सबके के बीच कई ऐसी सुरक्षा खामियां भी देखने को मिली हैं, जो सीधे-सीधे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। खुफिया एजेंसियों की ओर से नववर्ष में आतंकी हमले की आशंका व्यक्त की जा चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद सीमा पार से घुसपैठ हुई और हमला हुआ? सवाल यह है कि पठानकोट में शुक्रवार को युवक की हत्या कर गुरदासपुर के एसपी डिटेक्टिव सलविंदर सिंह किडनेपिंग की गई और उनकी गाड़ी को लूटने की घटना के बाद भी पूरे इलाके में क्यों गंभीरता नहीं दिखाई गई? साथ ही बड़ा सवाल यह भी है कि घटना के 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद हुए आतंकी हमले को क्यों नहीं रोका जा सका? संवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन होने के बावजूद आसपास सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई? एसपी के अपहरण की घटना के बाद पुलिस ने क्या कार्रवाई की? तमाम बातों के आधार पर यह तो साफ है कि, भले ही यह कहा जा रहा हो कि यह भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुई शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश है, या फिर यह भी कहा जा रहा है कि बड़ा हादसा टल गया, सेना ने बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि हमले के दौरान हमारी सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक हुई है ।
लेकिन जो भी हो आतंकी हमला चाहे छोटा हो या बड़ा हो घातक ही होता है | अत: यह हमला पंजाब मे नही हुआ, यह हमला किसी प्रदेश में नही हुआ, यह हमला किसी देश में नही हुआ बल्कि यह हमला सम्पूर्ण विश्व की शांति एवं मानवता पर हुआ है । पानी सर से ऊपर जा रहा है अब सिर्फ निंदा और बयानवाजी करने भर से कुछ नही होने वाला । अब वक्त आ गया है समस्त विश्व की सारी सकारात्मक शक्तियों को आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। आतंकी संगठन कोई भी हो इनकी एकता ही इनकी शक्ति है लेकिन ये अजेय नही हैं, यदि विश्व इन आतंकी संगठनो के खिलाफ लाम बंद हो जाए तो इनका ख़ात्मा अवश्य हो जायेगा । हमारे बीच मे ही कई लोग आतंक को समर्थन देते हैं और कोई कुछ नहीं कर पाता, सचेत होने का यही समय है नही तो सोच भी नहीं पाएंगे क्या होगा ? आतंक को पनाह देने वाले देश, जनता के बीच छुपे समर्थक, जो भी शब्दों के माध्यम से या किसी भी तरह से आतंक को समर्थन देते हैं उन्हें भी समाप्त करना होगा ।
स्वलिखित (कॉपी राइट)
सत्यम सिंह बघेल
केवलारी, सिवनी (मप्र)
पठानकोट आतंकी हमला बहुत बड़ा हो सकता था लेकिन हमारे देश के वीर जवानों ने अब तक का सबसे तेज कदम उठाते हुए, पहले से ही एनएसजी कमांडो को पठानकोट रवाना कर दिया था। एनएसजी कमांडो आतंकी हमले से पहले ही पठानकोट एयरबेस पर मोर्चा संभाले हुए थे और जैसे ही आतंकी हमला हुआ एनएसजी कमांडोज से पंजाब पुलिस और आर्मी के साथ मिलकर सभी आतंकियों को मार गिराया। एक आतंकी ने कार्यवाही से डरकर खुद को बम से उड़ा लिया। इन सबके के बीच कई ऐसी सुरक्षा खामियां भी देखने को मिली हैं, जो सीधे-सीधे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। खुफिया एजेंसियों की ओर से नववर्ष में आतंकी हमले की आशंका व्यक्त की जा चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद सीमा पार से घुसपैठ हुई और हमला हुआ? सवाल यह है कि पठानकोट में शुक्रवार को युवक की हत्या कर गुरदासपुर के एसपी डिटेक्टिव सलविंदर सिंह किडनेपिंग की गई और उनकी गाड़ी को लूटने की घटना के बाद भी पूरे इलाके में क्यों गंभीरता नहीं दिखाई गई? साथ ही बड़ा सवाल यह भी है कि घटना के 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद हुए आतंकी हमले को क्यों नहीं रोका जा सका? संवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन होने के बावजूद आसपास सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई? एसपी के अपहरण की घटना के बाद पुलिस ने क्या कार्रवाई की? तमाम बातों के आधार पर यह तो साफ है कि, भले ही यह कहा जा रहा हो कि यह भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुई शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश है, या फिर यह भी कहा जा रहा है कि बड़ा हादसा टल गया, सेना ने बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि हमले के दौरान हमारी सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक हुई है ।
लेकिन जो भी हो आतंकी हमला चाहे छोटा हो या बड़ा हो घातक ही होता है | अत: यह हमला पंजाब मे नही हुआ, यह हमला किसी प्रदेश में नही हुआ, यह हमला किसी देश में नही हुआ बल्कि यह हमला सम्पूर्ण विश्व की शांति एवं मानवता पर हुआ है । पानी सर से ऊपर जा रहा है अब सिर्फ निंदा और बयानवाजी करने भर से कुछ नही होने वाला । अब वक्त आ गया है समस्त विश्व की सारी सकारात्मक शक्तियों को आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। आतंकी संगठन कोई भी हो इनकी एकता ही इनकी शक्ति है लेकिन ये अजेय नही हैं, यदि विश्व इन आतंकी संगठनो के खिलाफ लाम बंद हो जाए तो इनका ख़ात्मा अवश्य हो जायेगा । हमारे बीच मे ही कई लोग आतंक को समर्थन देते हैं और कोई कुछ नहीं कर पाता, सचेत होने का यही समय है नही तो सोच भी नहीं पाएंगे क्या होगा ? आतंक को पनाह देने वाले देश, जनता के बीच छुपे समर्थक, जो भी शब्दों के माध्यम से या किसी भी तरह से आतंक को समर्थन देते हैं उन्हें भी समाप्त करना होगा ।
स्वलिखित (कॉपी राइट)
सत्यम सिंह बघेल
केवलारी, सिवनी (मप्र)
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